एक साल की बच्ची को पैसे के लिए उसको जन्म देने वाली मां ने ही बेच दिया। मामला बांबे हाईकोर्ट पहुंचा तो जज का दर्द छलक पड़ा। वो बोले कि हम बेशक 21वीं सदी में रह रहे हैं। लेकिन आज भी लड़की को एक वस्तु ही समझा जाता है। उसे पैसा उगाहने वाली चीज ही माना जाता है।
बांबे हाईकोर्ट के जस्टिस एसएम मोदक ने अपनी टिप्पणी में कहा कि सारे मामले पर गौर करने के बाद वो खुद भी दर्द महसूस करते हैं। मानवता को ये केस शर्मसार करता है। उनका कहना था कि उनका कहना था कि sale शब्द ही पीड़ादायक है। लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू ये भी है कि महिला का पति जेल में है और उसे अपने गुजारे के लिए पैसे की जरूरत थी। ऐसे में उसके हालात का भी सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। अदालत ने कहा कि जिस महिला ने बच्ची को खरीदा उसने मानवता को शर्मसार करने वाला काम किया है। इसे किसी भी लहजे से ठीक नहीं मान सकते।
पैसे के लिए बेटी को गिरवी रखा
मामला बेहद दर्दनाक है। महिला का पति जेल में था। परिवार के गुजारे के लिए उसके पास पैसे नहीं थे। उसने अपनी 1 साल की दुधमुंही बच्ची को ही गिरवी रख दिया। हालांकि धीरे धीरे उसने अपने कर्ज की रकम चुका दी। अलबत्ता जिस महिला ने पैसे दिए थे उसने बच्ची को उसकी मां को लौटाने से इनकार कर दिया। पीड़ित महिला ने पुलिस के पास शिकायत की तो बच्ची को खरीदने वाली महिला को अरेस्ट कर लिया गया।
लोअर कोर्ट से नहीं मिली आरोपी को जमानत
हालांकि निचली अदालत ने बच्ची को खरीदने वाली महिला के पति और एक अन्य शख्स को जमानत पर रिहा कर दिया। लेकिन महिला को जमानत देने से इनकार कर दिया। लोअर कोर्ट का कहना था कि ये जघन्य अपराध है। लिहाजा आरोपी को जमानत नहीं दी जा सकती। उसके बाद मामला बांबे हाईकोर्ट के पास आया। हाईकोर्ट ने आरोपी महिला को जमानत देने की बात तो मान ली लेकिन सुनवाई करते जज का दर्द छलक पड़ा। हाईकोर्ट ने इस बिनाग पर आरोपी को जमानत दी कि उसके भी दो बच्चे हैं। कोर्ट को उनका भी ख्याल रखना है। उनका कहना था कि मामले का ट्रायल अभी लंबा चलेगा। लिहाजा आरोपी महिला को जेल के भीतर कैद रखने की कोई तुक नहीं है।